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जोगेंद्र कश्यप हलवाई के साथ लेबर का काम करता था। एक माह पूर्व उसकी पत्नी मौत की हो गई थी। उसके बाद से जोगेंद्र बेहद दुखी था और इसी कारण वह डिप्रेशन में था। वहीं बेटे शिवम को भी मिर्गी के दौरे की शिकायत थी। रविवार को दोनों ने मौत को गले लगा लिया।

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भगवानपुर क्षेत्र के एक गांव निवासी पिता-पुत्र की संदिग्ध परिस्थिति में जहरीला पदार्थ खाने से मौत हो गई है। ग्रामीण दोनों को अस्पताल ले गए लेकिन चिकित्सक उन्हें बचा नहीं पाए। बताया जा रहा है कि ग्रामीण की पत्नी की एक माह पूर्व मौत हो गई थी। इससे वह बेहद दुखी थे। उनके बेटे का भी स्वास्थ्य ठीक नहीं था। माना जा रहा है इसी कारण ग्रामीण ने यह कदम उठाया होगा। एक साथ पिता-पुत्र की मौत से गांव में मातम छाया हुआ है।

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भगवानपुर थाना क्षेत्र के सरठेड़ी गांव निवासी जोगेंद्र कश्यप (40) का घर गांव की एक मुख्य सड़क पर है। देर शाम ग्रामीण जब उनके घर के सामने से गुजरे से तो उन्हें दवा की तेज गंध आई। ग्रामीण के घर का दरवाजा भी खुला हुआ था। यह देख ग्रामीणों ने भीतर जाकर देखा तो जोगेंद्र कश्यप व उसका 14 वर्षीय बेटा शिवम कश्यप अचेत अवस्था में पड़े थे।

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ग्रामीणों के मुताबिक वहां से सल्फास की गंध आ रही थी। उन्हें यह समझते देर नहीं लगी कि दोनों ने सल्फास का सेवन किया है। दोनों को ग्रामीण तुरंत ही शहर के एक निजी अस्पताल में ले गए। चिकित्सक ने उनका उपचार शुरू किया लेकिन उनको बचाया नहीं जा सका। मामले की जानकारी पाकर भगवानपुर थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर उन्हें पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल की मोर्चरी में भिजवाया।

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बेटे को थी मिर्गी के दौरे की शिकायत

भगवानपुर थाना प्रभारी निरीक्षक राजीव रौथाण ने बताया कि जोगेंद्र कश्यप हलवाई के साथ लेबर का काम करता था। एक माह पूर्व उसकी पत्नी मौत हो गई थी। उसके बाद से जोगेंद्र बेहद दुखी था। इसी कारण वह डिप्रेशन में था। वहीं बेटे शिवम को भी मिर्गी के दौरे की शिकायत थी।
आशंका है कि इसी बात से परेशान होकर उन्होंने पहले अपने बेटे को जहरीला पदार्थ दिया और फिर स्वयं भी खा लिया। पुलिस के अनुसार दोनों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मामला और साफ हो सकेगा। मृतक के तीन भाई हैं। वह अलग अपने परिवार के साथ रहते हैं। पत्नी की मौत के बाद जोगेंद्र के परिवार में वह और उसका बेटा रह गए थे।

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