खबर शेयर करें -

राजकीय मेडिकल कॉलेज में नए छात्रों के लिए एक सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में एमबीबीएस के एक सीनियर छात्र द्वारा जूनियर्स के साथ की गई अभद्रता का मामला सामने आया है, जिसके परिणामस्वरूप उसे छात्रावास से निष्कासित कर दिया गया है।

18 अक्टूबर को कॉलेज की मैस में हुई इस घटना में, सीनियर छात्र ने एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों को गालियां देते हुए अभद्र व्यवहार किया। जब जूनियर छात्रों ने इसका विरोध किया, तो वह और भी उग्र हो गया। यह सब कुछ मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने देखा, जिसके चलते मामला तुरंत उच्चाधिकारियों तक पहुंचा।

यह भी पढ़ें -  देहरादून: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का आगाज़: 9 नवंबर को लागू करने की तैयारी

कॉलेज प्रशासन ने रैगिंग की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं। सुरक्षा कर्मियों को किसी भी अनैतिक गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करने का आदेश दिया गया है, और एंटी रैगिंग स्क्वॉड का गठन भी किया गया है।

यह भी पढ़ें -  दिल्ली-मुंबई जाने वालों के लिए गुड न्यूज, लालकुंआ से इस दिन शुरू होगी एक और ट्रेन

डॉ. आरजी नौटियाल, छात्रावास के मुख्य अधीक्षक, ने तुरंत जांच शुरू की और आरोप की पुष्टि होने पर सीनियर छात्र को छात्रावास संख्या दो से निष्कासित कर दिया। उन्हें नोटिस जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि अगर उन्होंने छात्रावास खाली नहीं किया, तो उनके खिलाफ एंटी रैगिंग कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी और उन्हें अकादमिक गतिविधियों से भी वंचित किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें -  आईआईटी रुड़की की मेस के खाने में मिले चूहे, छात्रों ने जमकर किया हंगामा, वायरल हुआ वीडियो

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी छात्र के अभिभावकों को भी बुलाया गया है। यह कदम दर्शाता है कि राजकीय मेडिकल कॉलेज रैगिंग को लेकर शून्य सहिष्णुता नीति अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि नए छात्रों को सुरक्षित और सकारात्मक वातावरण मिल सके।

You missed