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लगभग 1500 कैदियों व बंदियों से ओवरलोड रहने वाले हल्द्वानी उप कारागार में सुरक्षा हमेशा अहम मुद्दा रहता है। ऐसे में इनकी सुरक्षा करने वाले 98 जेल कर्मियों को ड्यूटी के बाद जेल से दूर किराए के मकान में रहना पड़ता है।

हालांकि जल्द ही इन जेल कर्मियों न सिर्फ किराए के घर से मुक्ति मिलेगा, बल्कि जेल के बाहर ही कर्मियों के आवास बनने से जेल की सुरक्षा भी पुख्ता होगी। कर्मचारी आवास खंडहर हो चुकी पुरानी जेल के स्थान पर बनाए जाएंगे। इस जेल में अंग्रेजों ने कभी सुल्ताना डाकू को कैद किया था।

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वर्तमान में बंदी व कैदी कारागार की नई इमारत में रखे जाते हैं। इस जेल से पहले जेल के बाहर पुरानी जेल में बंदियों को रखा जाता था। ये इमारत अंग्रेजों के समय की है और बताया जाता है कि खंडहर हो चुकी इस पुरानी इमारत में सुल्ताना डाकू को भी रखा गया था। अब यह रहने लायक नहीं और लंबे समय से इसे गिरा कर नया निर्माण कराने की कवायद चल रही है। अब इसके लिए जेल प्रशासन ने एक नया प्रस्ताव तैयार किया है। जेल प्रशासन के मुताबिक जेल में बंदियों व कैदियों की सुरक्षा के लिए 98 कर्मचारी हैं।

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मौजूदा समय में यहां जेल अधीक्षक समेत स्टाफ के लिए करीब 70 आवासीय भवन बने हैं। इस स्थिति में 28 कर्मचारी किराए के भवन शहर के विभिन्न स्थानों पर रहना पड़ता है। परिसर में सालों से खंडहर पड़ी इमारत को अब तोड़ा जा रहा है। जेल अधीक्षक प्रमोद पांडे ने बताया कि बिल्डिंग को तोड़ने के बाद इस जगह पर 26 आवासीय भवन बनाने की योजना है। इसी तरह परिसर में ही दूसरी जगह पर 17 भवन बनाए जाने हैं। आवासीय भवन बनाने के लिए दो सरकारी विभागों से खर्च का ब्यौरा मांगा गया था। संपूर्ण रिपोर्ट तैयार कर प्रस्ताव मुख्यालय को भेज दिया है।