उत्तराखंड में ईमानदार और तेज तर्रार छवि के पीसीएस अफसर हरक सिंह रावत का निधन हो गया है. कल सुबह देहरादून के निरंजनपुर स्थित अपने आवास में हरक सिंह ने अंतिम सांस ली. मूल रूप से चमोली जिले के रहने वाले हरक सिंह रावत ने उत्तराखंड में विभिन्न जिलों में काम किया. वो अपने पीछे पत्नी, एक बेटा और एक बेटी को छोड़ गए हैं.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी अपर सचिव हरक सिंह रावत के निधन पर गहरा शोक जताया है. हरक सिंह रावत ने पिछले कई सालों तक गढ़वाल मंडल में अपर आयुक्त के तौर पर भी जिम्मेदारी संभाली. हरक सिंह रावत पिछले लंबे समय से कैंसर की बीमारी से ग्रसित थे. पिछले कई सालों से उनका दिल्ली और मुंबई में भी इलाज चला था. पिछले दिनों पीसीएस संगठन की बैठक के दौरान भी वो यहां पहुंचे थे और तमाम पीसीएस अफसर से उन्होंने मुलाकात की थी. हालांकि, बीमार होने के बाद से ही वो इधर-उधर जाने और चलने फिरने में परेशानी महसूस कर रहे थे.
हरक सिंह रावत ने देहरादून में भी नगर निगम में बतौर सीनियर अफसर काम किया था. इसके अलावा पौड़ी समेत दूसरे कई जिलों में भी उनकी तैनाती रही. हरक सिंह रावत को कड़े फैसले लेने के लिए भी जाना जाता था. एक हंसमुख और मिलनसार अफसर के रूप में लोग उन्हें जानते थे. हरक सिंह रावत के निधन के बाद ब्यूरोक्रेसी में भी शोक की लहर है. हरक सिंह रावत का अंतिम संस्कार हरिद्वार हरकी पैड़ी में किया जा सकता है.