नैनीताल हाईकोर्ट ने ऊधमसिंह नगर की फीका नदी में अवैध खनन पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं. जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ ने डीएम से जवाब तलब किया है. याचिकाकर्ता द्वारा फीका नदी में खनन माफिया द्वारा अवैध खनन कर खेती को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया था.
उत्तराखंड हाईकोर्ट नैनीताल ने उधमसिंह नगर के तहसील जसपुर की फीका नदी में अवैध खनन किए जाने के मामले पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने जिला अधिकारी उधमसिंह नगर को निर्देश दिए हैं कि अवैध खनन पर रोक लगाएं. उधमसिंह नगर के जिलाधिकारी से चार सप्ताह के भीतर जवाब भी मांगा गया है. मामले की अगली सुनवाई के लिए जनवरी पहले सप्ताह की तिथि नियत की गई है.
मामले के अनुसार जसपुर निवासी फईम अहमद ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. फईम अहमद ने अपनी जनहित याचिका में कहा है कि तहसील जसपुर के किशनपुर, पूरनपुर, गूलरभौजी, राजपुर, विक्रमपुर आदि क्षेत्रों में फीका नदी बहती है. उन्होंने आरोप लगाया कि अनीश अहमद, शमीम अहद, अहसान, फैजान और इलाके के चार पांच अन्य लोगों के द्वारा अवैध खनन करने के साथ साथ फीका नदी के किनारों से मिट्टी का खुदान भी किया जा रहा है.
फईम अहमद के अनुसार इस वजह से राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान होने के साथ किसानों को खेती करने में कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जब इसकी शिकायत प्रशासन से की गई, तो प्रशासन ने उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की. फईम अहमद का आरोप है कि खनन माफिया आपराधिक किस्म के लोग हैं. अवैध खनन को बढ़ावा देने के लिए पुलिस इनको सहयोग कर रही है. जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि नदी में हो रहे अवैध खनन पर रोक लगाई जाए.
फईम अहमद की जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ ने खनन पर रोक लगाने के साथ ही उधमसिंह नगर के जिलाधिकारी से जवाब भी मांगा है.