बुधवार से मौसम में कुछ बदलाव संभव है। मौसम विभाग के मुताबिक मौसम आमतौर पर साफ रहेगा। दोपहर बाद गर्जन वाले बदरा विकसित हो सकते हैं। अधिकतम और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस और 11 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।
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पिछले शुक्रवार शाम से हो रही लगातार बारिश ने दूनवासियों को सर्दियों जैसा एहसास करा दिया है। पिछले चार दिनों में तापमान में 11 डिग्री तक कमी दर्ज की है। वहीं मार्च के दूसरे पखवाड़े में तापमान ने गिरावट का तीन साल का अपना ही रिकार्ड तोड़ दिया। वर्ष 2020 में मार्च में तापमान अधिकतम 20 डिग्री के आसपास पहुंचा था। वहीं इस बार मार्च के दूसरे पखवाड़े में मंगलवार को तापमान अधिकतम 19 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया।
शुक्रवार शाम से दून सहित प्रदेशभर में लगातार बारिश हो रही है। मंगलवार को भी दून में सुबह से लेकर शाम तक हल्की से मध्यम बारिश होती रही। लगातार चार दिनों से हो रही बारिश से तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 30.2 डिग्री दर्ज किया गया था। वहीं मंगलवार को तापमान 19 डिग्री सेल्सियस दर्ज की गई जो सामान्य से माइनस 9 डिग्री सेल्सियस कम है। यानि पिछले चार दिनों में तापमान 11 डिग्री तक गिरा है।
तापमान में हुई गिरावट ने लोगों को ठंडक का एहसास करा दिया। लोग जैकेट, रजाई का प्रयोग करने को मजबूर हो गए। ओलावृष्टि होने से खड़ी फसलों को भी काफी नुकसान हुआ है। मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक अगले दो दिन यानि 22 मार्च और 23 मार्च को पर्वतीय क्षेत्रों को छोड़कर दून सहित अन्य जनपदों में मौसम शुष्क रहेगा। दून में आमतौर मौसम साफ रहेगा। आंशिक बादल छाए रहेंगे। दोपहर और शाम से गर्जन वाले बादल विकसित होने की संभावना है। ताममान में भी आठ डिग्री तक बढोत्तरी होने की संभावना है।
बारिश भी बना सकती रिकार्ड
चार दिन से हो रही लगातार बारिश अभी आगे भी जारी रहती है तो यह वर्ष 2020 में मार्च माह में हुई बारिश का भी रिकॉर्ड तोड़ सकती है। वर्ष 2020 में मार्च में 153 मिमी बारिश रिकार्ड की गई थी। वहीं अब तक दून में बार 56 मिमी बारिश हो चुकी है।
बारिश से यातायात प्रभावित
बारिश के कारण महानगर में कई स्थानों पर यातायात व्यवस्था प्रभावित रही, बरसात के कारण लोग कारों से घरों से निकले, इस कारण शहर की सड़कों पर कारों का अधिक लोड रहा और यातायात व्यवस्था प्रभावित रही। उधर सीवरलाइन बिछाए जाने के कारण सड़कों पर पानी भर गया और यातायात प्रभावित हो गया।
फसल के लिए नुकसान
गेहूं की फसल पकने को है, खेतों में तैयार खड़ी है। अब अधिक बरसात गेहूं की फसल के लिए नुकसान दायक साबित हो रही है। किसान फसलों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।