नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी मोहम्मद उस्मान की पत्नी हुसन बेगम द्वारा जिला विकास प्राधिकरण के नोटिस पर रोक लगाने के प्रार्थना पत्र पर हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए उनसे प्राधिकरण के समक्ष अपना पक्ष रखने को कहा है.
हुसन बेगम की ओर से उनके अधिवक्ता ने कोर्ट में सोमवार को मेंशन किया कि जिला विकास प्राधिकरण ने उनके पति के रुक्कुट कंपाउंड स्थित आवास को अवैध बताते हुए नोटिस जारी किया है. 22 मई को अपना पक्ष रखने को कहा है. हुसन बेगम ने कहा कि उनके पति जेल में हैं . इसलिए प्राधिकरण के इस नोटिस पर रोक लगाई जाए. जबकि सरकार की ओर से बताया गया कि हुसन बेगम की पूर्व में दायर याचिका क्रिमिनल है. जबकि वर्तमान मामला सिविल वाद से जुड़ा है. इसलिए पूर्व से विचाराधीन क्रिमिनल याचिका में सिविल वाद से जुड़े मामले की सुनवाई नहीं हो सकती.
सभी पक्षों की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने मामले में याचिकाकर्ता से प्राधिकरण के समक्ष अपना पक्ष रखने को कहा है.
गौर है कि अभी हाल ही में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी मोहम्मद उस्मान के बेटे के ट्रांसफर के मामले पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि ट्रांसफर ऑर्डर में उत्तराखंड स्थानांतरण अधिनियम, 2017 की नियमावली का पालन नहीं किया गया है. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने जिला और पुलिस प्रसाशन की कार्रवाई पर सवाल खड़ा किया था.


