देहरादून: 3 साल के लंबे इंतजार के बाद अंकिता भंडारी हत्याकांड के मामले में तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दे दी गई है. अंकिता भंडारी हत्याकांड पर आये फैसले पर प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. परिवार के लोग इसे और आगे तक ले जाने की बात कर रहे हैं. वहीं, कांग्रेस भी इसे अभी भी अधूरी जीत बता रही है. उत्तराखंड के दिग्गज राजनेताओं का इस पूरे मामले पर क्या कहना है, आइये जानते हैं.
सीएम धामी फैसले से खुश: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पूरे मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा उत्तराखंड की बेटी को कोर्ट की तरफ से आज न्याय मिला है. उन्होंने कहा सरकार ने आरोपियों को सजा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया. परिवार के साथ हमेशा सरकार खड़ी रहेगी. वहीं, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि यह फैसला भले ही देर से आया हो लेकिन संतोषजनक है. आज कोर्ट के फैसले के बाद परिवार को इंसाफ मिला है. लोगों की भावनाएं भी कानून के प्रति और मजबूत हुई है.
हरीश रावत ने बताया ईश्वरीय न्याय: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने भी इस मामले पर कहा कोर्ट ने दोषियों को जो आजीवन कारावास की सजा सुनाई है वह ईश्वरीय न्याय है, जबकि अभी भी वीवीआईपी कौन था? ये सवाल जिंदा है. हरीश रावत ने कहा भारत में जिस तरह से महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ रहे हैं वह बेहद गंभीर हैं. आरोपी कितना भी प्रभावशाली क्यों ना हो जब समय न्याय करता है तो कोई नहीं बचता, लेकिन, इस मामले में सरकार ने बुलडोजर चला कर इतनी जल्दबाजी क्यों की? मौके से सीसीटीवी कैमरे हटाए गए, आखिरकार वह कौन व्यक्ति है जिसको बचाने के लिए यह सब किया गया? अभी भी यह सभी सवाल जिंदा हैं.
वन मंत्री बोले मामले पर खूब हुई राजनीति: उत्तराखंड सरकार में वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा काफी समय से इस मामले में कुछ लोग राजनीति कर रहे थे. सरकार पर आरोप लगा रहे थे, जबकि सरकार ने पहले ही दिन से इस पूरे घटनाक्रम को बेहद गंभीरता से लिया. आरोपियों की गिरफ्तारी से लेकर परिवार के साथ खड़े रहे. पुलिस ने अपना और सरकार ने अपना काम किया. जांच बैठाने के बाद आज कानून ने अपना काम किया है. इस फैसले के बाद परिवार और बेटी को न्याय मिला है. यह उनके परिवार की जीत है. जिन्होंने 3 साल से हर तरीके का संघर्ष किया है.
ऋषिकेश विधायक बोले लोगों के लिए सबक फैसला: ऋषिकेश से विधायक प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा उत्तराखंड की बेटी के साथ जो कुछ भी हुआ वह बेहद गंभीर था. इसकी प्रतिक्रिया भी बेहद तीखी थी. हमें भी उम्मीद थी कि एक दिन जरूर बेटी के साथ न्याय होगा. आज जिस तरह से कोर्ट ने फैसला सुनाया है उसके बाद परिवार को उत्तराखंड के लोगों को और हमें खुद शांति मिली है. उन्होंने कहा आरोपियों को बाकी जिंदगी अब जेल में काटनी पड़ेगी.
कांग्रेस ने उठाये कई बड़े सवाल: वहीं, कांग्रेस प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा यह निर्णय न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. निश्चित रूप से अंकिता को आंशिक न्याय दिलाता है. माहरा ने कहा अब भी कई गंभीर सवाल ऐसे हैं, जिनके जवाब धामी सरकार को देने होंगे. उन्होंने कहा न्यायालय ने दोषियों को सजा दी है, लेकिन यह पूरा न्याय नहीं है. आज भी यह स्पष्ट नहीं है कि किन वीआईपी व्यक्तियों को बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने प्रयास किए? जांच के दौरान साक्ष्य नष्ट किए जाने की मंशा से वनंतारा रिज़ॉर्ट पर बुलडोजर चलाने का आदेश किसके निर्देश पर दिया गया? प्रारंभिक जांच में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बरती गई लापरवाही के लिए कौन जिम्मेदार है? और रिजॉर्ट में आग लगाकर सबूत नष्ट करने वालों पर अब तक क्या कार्रवाई हुई है?


