श्रीनगर: पौड़ी गढ़वाल जिले के कोटद्वार कोतवाली क्षेत्र में बीती पांच जून को अज्ञात व्यक्ति का शव मिला है. पुलिस ने इस अज्ञात शव की गुत्थी सुलझा ली है, जिसका पुलिस ने आज 19 जून को खुलासा किया है. पुलिस की माने तो व्यक्ति की हत्या की गई थी और हत्यारोपी कोई और नहीं, बल्कि मृतक की दूसरी पत्नी ही निकली. दूसरी पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति को मौत के घाट उतारा था.
पुलिस के अनुसार पांच जून 2025 को चौकी दुगड्डा क्षेत्र में अज्ञात व्यक्ति का शव मिला था. काफी प्रयास के बाद मृतक का शिनाख्त रविन्द्र कुमार पुत्र स्व. रामस्वरूप निवासी रजोकरी वसंत कुंज साउथ दिल्ली के रूप में हुई थी. शव की हालात देखकर पुलिस ने भी हत्या की आशंका जताई थी.
भाई ने दी थी पुलिस को तहरीर: इसके बाद 17 जून को मृतक रविन्द्र कुमार के भाई राजेश कुमार ने कोटद्वार कोतवाली में हत्या की आशंका जताते हुए तहरीर दी. राजेश कुमार ने अपनी तहरीर में मृतक रविन्द्र कुमार की दूसरी पत्नी रीना सिन्धू और किसी अन्य व्यक्ति पर हत्या का शक जताया था.
राजेश कुमार की तहरीर के अनुसार उसके भाई रविंद्र कुमार ने साल 2010-11 में पहली पत्नी से अलगाव के बाद रीना सिन्धू से विवाह किया था. रविंद्र कुमार का मुरादाबाद में एक घर है, जिसे वो बेचना चाहता था, लेकिन रीना सिन्धू ऐसा नहीं चाहती थी. तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और मामले की जांच शुरू की. इसी बीच पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम का भी गठन किया.
पुलिस को मिला अहम क्लू: पुलिस टीमों ने सीसीटीवी फुटेज, वैज्ञानिक साक्ष्य और फॉरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया. इसी बीच सीसीटीवी फुटेज से पुलिस के एक अहम क्लू मिला. पांच जून को कोटद्वार क्षेत्र में संदिग्ध SUV-500 कार देखी गई, जो कुछ देर बाद क्षेत्र से लौट गई. इसके आधार पर संदिग्धों की पहचान की गई और फिर रीना सिन्धू और उसके प्रेमी पारितोष कुमार को बिजनौर के नगीना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया.
पूछताछ में उगले राज: रीना सिन्धू ने कबूल किया कि वह पारितोष कुमार से प्रेम संबंध में थी और पति रविन्द्र की हत्या की साजिश उसने खुद रची. मुरादाबाद में उनके नाम पर बने मकान को बेचने के रविंद्र के फैसले का वह विरोध कर रही थी. इसी बीच फिजियोथेरेपी कराने आए पारितोष से उसके शारीरिक संबंध बन गए. रीना ने पारितोष को रविन्द्र को मारने के लिए राजी किया.
31 मई 2025 को रीना ने रविन्द्र को पारितोष के घर नगीना बुलाया, जहां शराब पिलाकर फावड़े से उसकी हत्या कर दी गई. शव को कार में रखकर पहले रामनगर ले जाया गया, फिर कोटद्वार के दुगड्डा क्षेत्र में फेंक दिया गया. घटना के बाद कार को नोएडा में छोड़ दी गई.



