फर्जी तरीके से स्थायी निवास प्रमाण पत्र बनाना एक कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) संचालक और आवेदिका को महंगा पड़ गया। जांच में पता चला कि स्थायी प्रमाण पत्र बनाने में दस्तावेज में हेराफेरी की गई है।
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फर्जी तरीके से स्थायी निवास प्रमाण पत्र बनाना एक कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) संचालक और आवेदिका को महंगा पड़ गया। जांच में पता चला कि स्थायी प्रमाण पत्र बनाने में दस्तावेज में हेराफेरी की गई है। इस आधार पर संचालक और आवेदिका पर कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ है।
प्रशासन के अनुसार तहसील कार्यालय में विगत तीन जून को स्थायी निवास प्रमाण पत्र के लिए एक आवेदन आया था। आवेदन की जांच में पाया कि उसमें संलग्न बिजली के बिल में कूटरचना की गई है। संबंधित सीएससी में जाकर जांच की गई तो पता चला कि सेंटर संचालक विशाल शर्मा ने गलत तरीके से दस्तावेज तैयार किया है। हल्द्वानी तहसीलदार के आदेश पर सीएससी संचालक विशाम शर्मा और आवेदिका मंजू के ऊपर संबंधित धाराओं में कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया गया है। एसडीएम मनीष कुमार सिंह ने बताया कि विगत दिनों फर्जी स्थायी निवासी प्रमाण बनने का मामला संज्ञान में आया था। इसके बाद तहसीलदार समेत अन्य अधिकारियों को निर्देशित किया था कि वह दस्तावेजों की सही से जांच करवाएं। इसके बाद यह मामला प्रकाश में आया है। कहा कि कोई भी अपने प्रमाण पत्र में गलत तथ्यों का इस्तेमाल न करे। अन्यथा कानूनी कार्रवाई करवाई जाएगी।