उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में अब मशरूम उगाई जाएगी। स्कूल कैंपस में पायलट प्रोजेक्ट के तहत देहरादून और टिहरी जिले के स्कूलों से इसकी इसी महीने शुरुआत की जाएगी।
योजना सफल होने पर इसे सभी जिलों के 16 हजार से अधिक स्कूलों में शुरू किया जाएगा।
शिक्षा विभाग इसे पहले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू कर रही हैं। इसके बाद इसे सारे स्कूलों में चलाया जाएगा। इसके लिए पहले भोजन माताओं को ट्रेंड किया जा रहा है। इसके बाद बच्चों को भी सिखाया जाएगा।
प्रदेश के सरकारी स्कूल परिसर में अब मशरूम उगाई जाएगी। पायलट प्रोजेक्ट के तहत देहरादून और टिहरी जिले के स्कूलों से इसकी इसी महीने शुरुआत की जाएगी। योजना सफल होने पर इसे सभी जिलों के 16 हजार से अधिक स्कूलों में शुरू किया जाएगा। शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान ने कहा इस कार्यक्रम के तहत 40 भोजन माताओ को ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
स्कूली बच्चों को भी इसके बारे में जानकारी दी जाएगी ताकि वह भविष्य में अपना रोजगार पैदा कर सके।समग्र शिक्षा के अपर राज्य परियोजना निदेशक कुलदीप गैरोला के मुताबिक, प्रधानमंत्री पोषण योजना के तहत छात्र-छात्राओं को स्कूलों में पका पकाया भोजन दिया जाता है।
इस भोजन में बच्चों को मशरूम दी जा सके, इसके लिए स्कूल परिसर में मशरूम उगाई जाएगी। इससे दोहरा फायदा होगा। स्कूल कैंपस का इस्तेमाल हो सकेगा और मशरुम बच्चों के मिड डे मील में भी दिया जाएगा। साथ ही बच्चों को रोजगार के प्रति भी अवेयर किया जा सकेगा। जिससे भविष्य में इसे स्वरोजगार के प्रति अवेयर हो सकें।
बच्चों के लिए मशरूम के फायदे-
लीवर के लिए फायदेमंद मशरूम के सेवन से बच्चों का लीवर मजबूत होता है और अच्छे से फंक्शन भी करता है।
विटामिन डी ले भरपूर कई बार बच्चों के आहार में विटामिन डी की कमी हो जाती है और बच्चे पर्याप्त मात्रा में धूप सेंक नहीं पाते हैं। इसके अलावा मशरूम आयरन का स्त्रोत, इम्यून सिस्टम मजबूत बनाए, एंटीऑक्सीडेंट है।