खबर शेयर करें -

बागजाला (नैनीताल)।
अखिल भारतीय किसान महासभा बागजाला की कार्यकारिणी की बैठक आज गाँव में एक निजी आवास में संपन्न हुई, जिसमें कल 18 अगस्त से गाँव में होने जा रहे अनिश्चितकालीन धरने की तैयारियों की समीक्षा की गई। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि जनता की लंबित मांगों का समाधान नहीं होता है तो क्रमशः क्रमिक अनशन और आमरण अनशन की ओर बढ़ा जाएगा।

किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनंद सिंह नेगी ने कहा कि बागजाला समेत राज्यभर में गरीबों के आवास उजाड़ने और वन भूमि व नजूल भूमि पर बसे लोगों को बेदखल करने की सरकार की मंशा के खिलाफ जनता एकजुट होकर संघर्षरत है। उन्होंने सरकार से दशकों से बसे लोगों को मालिकाना हक और मूल नागरिक सुविधाएं देने की मांग दोहराई।

यह भी पढ़ें -  📢 बड़ी खबर: विश्व हिंदू परिषद के 61वें स्थापना दिवस और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर भव्य आयोजन, शोभायात्रा और टॉपर्स का सम्मान 🙏✨

सचिव वेद प्रकाश ने कहा कि बागजाला की जनता संविधान सम्मत और न्यायक मांगों के लिए लड़ रही है, जिसमें जल जीवन मिशन योजना शुरू करने, सड़क व विकास कार्यों पर लगी रोक हटाने और पंचायत प्रतिनिधि चुनने के अधिकार बहाल करने सहित कई अहम मुद्दे शामिल हैं।

भाकपा माले नैनीताल जिला सचिव डॉ. कैलाश पाण्डेय ने आरोप लगाया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री गरीब जनता का आवास छीनकर, धार्मिक विभाजन की नीति अपना रहे हैं, जिससे सामाजिक एकता खतरे में है। उन्होंने आंदोलन को राज्यभर के गरीबों की आवाज़ बताते हुए व्यापक जनएकता का आह्वान किया।

यह भी पढ़ें -  उत्तराखंड में शिक्षा में समावेशिता की दिशा में बड़ा कदम, धामी सरकार ने मदरसा व्यवस्था के आधुनिकीकरण व मानकीकरण का लिया फैसला

बैठक में आनंद सिंह नेगी, वेद प्रकाश, डॉ कैलाश पाण्डेय, प्रेम सिंह नयाल, दीवान सिंह बर्गली, चन्दन सिंह मटियाली, दौलतसिंह कुंजवाल, रईस अहमद आदि सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। तय किया गया कि जसबू मंदिर के पास, बागजाला गाँव में कल 18 अगस्त को सुबह 10 बजे से अनिश्चितकालीन धरना शुरू होगा, जो समस्याओं के समाधान तक निरंतर चलेगा।

यह भी पढ़ें -  🚨 लालकुआं में ट्रक और दुग्ध वाहन की भीषण टक्कर: एक की मौत, दो गंभीर घायल, देखिए वीडियो

मुख्य बिंदु:

  • बागजाला गाँव की जनता मूल अधिकारों और नागरिक सुविधाओं की बहाली हेतु संघर्षरत

  • 18 अगस्त से अनिश्चितकालीन धरना, आगे क्रमिक व आमरण अनशन की चेतावनी

  • वन भूमि और नजूल भूमि पर दशकों से बसे लोगों को मिलें मालिकाना हक की माँग

  • सरकार पर गरीब विरोधी और विभाजनकारी राजनीति का आरोप

बागजाला का यह आंदोलन राज्यभर के गरीब, अक्षम और हाशिए पर खड़े नागरिकों की एकजुटता और जनसंघर्ष का प्रतीक बनता जा रहा है।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad