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बीजेपी ने लोकसभा उम्मीदवारों की 10 वीं सूची में 9 में से 4 सांसदों के टिकट काट दिए हैं. हालांकि टिकट काटने के बाद भाजपा ने जिन चेहरों पर दांव खेला है, उन्हें बहुत सोच समझकर मैदान में उतारा गया है.

सबसे खास बात ये है कि भाजपा ने चेहरे तो बदल दिए हैं, लेकिन जाति समीकरण को नहीं छेड़ा है. ब्राह्मण के ब्राह्मण, भूमिहार की जगह भूमिहार और कुर्मी की जगह कुर्मी को ही दावेदार बनाया गया है.

भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को लोकसभा उम्मीदवारों की 10 वीं सूची जारी की. इस सूची में नौ नाम घोषित किए गए, जिनमें से चार का टिकट काट दिया गया है. सूची में सर्वाधिक सात उम्मीदवारों के नाम यूपी के हैं. सूची के मुताबिक मैनपुरी से जयवीर सिंह, मछली शहर से बीपी सरोज, बलिया से नीरज शेखर, कौशांबी से विनोद सोनकर, गाजीपुर से पारस नाथ राय, फूलपुर से प्रवीण पटेल को मैदान में उतारा गया है.

गाजीपुर की सबसे ज्यादा चर्चा

इसके अलावा यूपी में सर्वाधिक चर्चा थी गाजीपुर से बीजेपी की उम्मीदवार की. माफ़िया डॉन मुख्तार अंसारी की मौत के बाद से ही गाजीपुर हॉट सीट हो गई है. पिछली बार यहां से मनोज सिन्हा चुनाव लड़े थे. वह अब जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर हैं. हालांकि मनोज सिन्हा यहां से जीत नहीं पाए थे. उन्हें बसपा के अफजाल अंसारी ने हराया था. इस बार अफजाल गाजीपुर से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हैं. उनके सामने बीजेपी से अब पारस नाथ राय चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने अब तक कोई चुनाव नहीं लड़ा. वे मनोज सिन्हा के करीबी माने जाते हैं. आरएसएस के वे जिला संचालक रहे हैं. उनके बेटे आशुतोष राय बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहे हैं. तब लक्ष्मीकान्त वाजपेयी यूपी में बीजेपी के अध्यक्ष थे. मनोज सिन्हा की तरह ही पारस नाथ राय भी भूमिहार जाति के हैं.

प्रयागराज में ब्राह्मण के बदले ब्राह्मण

प्रयागराज से रीता बहुगुणा जोशी के बदले नीरज त्रिपाठी चुनाव लड़ेंगे. वे यूपी विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष केसरी नाथ त्रिपाठी के बेटे हैं. नीरज कभी सक्रिय राजनीति में नहीं रहे. वर्तमान में वह यूपी के एडीशनल एडवोकेट जनरल हैं. यहां भाजपा ने ब्राह्मण के बदले ब्राह्मण उम्मीदवार उतारा है, जबकि कांग्रेस ने अभी तक अपना उम्मीदवार तय नहीं किया है.

बलिया से ठाकुर बिरादरी के नीरज शेखर

बलिया से बीजेपी ने सासंद वीरेन्द्र सिंह मस्त का टिकट काट दिया है. इस बात की चर्चा शुरू से थी. यहां से टिकट के कई दावेदार थे. लेकिन बीजेपी ने राज्य सभा सांसद नीरज शेखर को टिकट दिया है. वे पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे हैं. मस्त की तरह वे भी ठाकुर बिरादरी के हैं. नीरज शेखर पहले भी बलिया से समाजवादी पार्टी से लोकसभा के सांसद रहे हैं. पिछले लोकसभा चुनाव से पहले वे अखिलेश यादव का साथ छोड़ कर बीजेपी में आ गए थे. बलिया से सांसद रहे वीरेंद्र सिंह मस्त पहले भी भदोही से लोकसभा के सांसद रह चुके हैं

डिंंपल से मुकाबला करेंगे जयवीर

मैनपुरी से डिंपल यादव के खिलाफ बीजेपी से जयवीर सिंह को टिकट मिला है. वे यूपी सरकार में पर्यटन मंत्री हैं. वे ठाकुर बिरादरी के हैं. वे मूल रूप से फिरोजाबाद के रहने वाले हैं. पिछले चुनाव में मुलायम सिंह यहां से जीते थे. उनके निधन के बाद उप चुनाव में डिंपल ने बाजी मार ली.

फूलपुर में कूर्मी उम्मीदवार

फूलपुर से इस बार बीजेपी ने केसरी पटेल के बदले प्रवीण पटेल को टिकट दिया है. दोनो कुर्मी बिरादरी से हैं. केसरी पटेल के बेटे दीपक पटेल बीएसपी से विधायक रह चुके हैं. जबकि प्रवीण पटेल अभी बीजेपी के विधायक हैं. इंडिया गठबंधन में फूलपुर की सीट समाजवादी पार्टी को मिली है. लेकिन अखिलेश यादव ने अभी यहां से टिकट फ़ाइनल नहीं किया है. कौशांबी से बीजेपी ने अपने वर्तमान सांसद विनोद सोनकर पर दांव खेला है. वे लगातार दो बार यहाँ से लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं. वे बीजेपी में SC मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं .. समाजवादी पार्टी ने अभी यहाँ से अपना उम्मीदवार तय नहीं किया है.

किरण खेर की जगह संजय टंडन को टिकट

चंडीगढ़ से लगातार दो बार सांसद रह चुकीं किरण खेर का भाजपा ने टिकट काट दिया है. उनकी जगह संजय टंडन को मैदान में उतारा गया है. माना जा रहा है कि किरण खेर का स्वास्थ्य ठीक न होने की वजह से उनका टिकट काटा गया है. इसके अलावा लोकल और बाहरी का मुद्दा भी इस बार चंडीगढ़ में जोर पकड़ रहा था. संजय टंडन को टिकट देकर भाजपा ने इस मुद्दे को भी शांत कर दिया है. संजय को टिकट दिए जाने पर किरण खेर ने उन्हें बधाई दी है. हालांकि यहां बीजेपी ने जाति समीकरण पर ध्यान न देते हुए लोकल और बाहरी मुद्दे पर फोकस किया.