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रामनगर के ग्राम क्यारी में बीते दिनों बाघ द्वारा भुवन बेलवाल को अपना शिकार बनाए जाने के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने सोमवार को महापंचायत का आयोजन किया।

जिसमें क्यारी समेत टेड़ा, मंनठपुर, पावलगढ़, अमगढ़ी, रामनगर, कानियां, सांवल्दे और अन्य गांवों के सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए। इस दौरान ग्रामीणों ने बाघ को पकड़ने में हो रही देरी पर आक्रोश जताया और दो सप्ताह के भीतर बाघ को न पकड़ने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।

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महापंचायत के दौरान ग्रामीणों ने आदमखोर बाघ को पकड़ने या मारने की मांग उठाई। इसके अलावा, चांदनी जंगल को सफारी जोन न बनाने, किसी भी जंगल की क्षमता के अनुसार टूरिज्म को नियंत्रित करने, जानवरों व बंदरों से इंसानों, फसलों व मवेशियों की सुरक्षा करने, जंगली जानवरों द्वारा इंसान को मारे जाने पर मुआवजा राशि 6 लाख से बढ़कर 25 लाख रुपये करने की मांग की।

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गुस्साए ग्रामीणों ने दो टूक शब्दों में कहा कि अगर मांग नहीं मानी गई तो उन्हें मजबूरन सड़कों पर उतरना पड़ेगा। महापंचायत में ग्रामीणों ने सुझाव भी साझा किये। उन्होंने वन विभाग से बाघ को तत्काल पकड़ने की मांग की। कहा कि जब तक बाघ पकड़ा नहीं जाता वह जंगल नहीं जाएंगे। उन्होंने वन विभाग से उनकी और फसलों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने को कहा। प्रकृति प्रेमी विनोद बुधानी ने बताया कि वन विभाग ने बिना जंगल की धारण क्षमता के आंकलन किए नए जोन खोले हैं, जो मानव वन्य जीव संघर्ष को बढ़ावा देना है।

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महापंचायत में नवीन सती, विनोद बुधानी, नवीन उपाध्याय, योगी बोहरा, मोहित शर्मा, राकेश, हिमांशु, पंकज, हीरा सिंह रावत, मुन्नी देवी, मंजू कांडपाल, दीपा सती, भावना, महेश जोशी, प्रभात ध्यानी, मुनीश  कुमार सहित बड़ी संख्या में महिलाएं व ग्रामीण मौजूद रहे।