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नवरात्रि में सबसे महत्वपूर्ण होता है दुर्गा सप्तशती का पाठ. लेकिन, एक और स्तुति है जो उतनी ही ताकतवर है और स्तुति का नाम है सिद्ध कुंजिका स्तोत्र. तो चलिए जानते हैं कि सिद्ध कुंजिका स्तोत्र क्या है. 

नवरात्रि के पावन दिनों की शुरुआत हो चुकी है. नवरात्रि में हम देवी की कृपा प्राप्त करने के लिए बहुत सारे स्तोत्र पढ़ते हैं, चालीसा पढ़ते हैं, साथ ही उनकी आरती भी पढ़ते हैं. वैसे तो नवरात्रि में सबसे महत्वपूर्ण होता है दुर्गा सप्तशती का पाठ. लेकिन, एक और स्तुति है जो उतनी ही ताकतवर है और स्तुति का नाम है सिद्ध कुंजिका स्तोत्र

कुंजिका स्तोत्र एक अद्भुत स्तोत्र है जिसका प्रभाव बहुत चमत्कारी माना जाता है. नवरात्रि में ही नहीं नवरात्रि के अलावा भी इसका अगर आप नियमित रूप से पाठ करते हैं तो समस्त मनोकामनाएं आपकी पूरी होती हैं.

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क्यों करना चाहिए सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ

कुंजिका स्तोत्र का अगर कोई भी व्यक्ति नियमित रूप से पाठ करें तो उसको वाणी की और मन की शक्ति प्राप्त होती है. कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति के अंदर असीम ऊर्जा का संचार होता है वह अंदरूनी रूप से मजबूत होना शुरू हो जाता है. अगर आप नियमित रूप से कुंजिका स्तोत्र का पाठ करते है तो आपको ग्रहों के प्रभाव से छुटकारा मिलता है. जीवन में आपको धन समृद्धि मिलती है और धन संबंधी समस्याएं आपकी दूर होती हैं. साथ ही इसका पाठ करने से तंत्र मंत्र की नकारात्मक ऊर्जा का असर नहीं होता है.

ऐसा भी देखा गया है कि अगर कुंडली में राहु की समस्या से परेशान है तो उसमें भी कुंजिका स्तोत्र का पाठ जरूर करें. जीवन में अगर उतार चढ़ाव बहुत है तो भी इसका पाठ करें.

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सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कैसे करें?

1. संध्या के समय या रात के समय में अगर कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें तो ये ज्यादा उत्तम होगा.

2. इसके बाद मां दुर्गा के सामने एक घी का दीपक जलाएं.

3. इसके बाद लाल आसन पर बैठें अगर लाल वस्त्र भी धारण कर सकें तो बेहतर होगा.

4. इसके बाद देवी को प्रणाम करके संकल्प लें कि मैं कुंजिका स्तोत्र का पाठ कर रहा हूं अपनी कृपा मेरे ऊपर बनाए रखें.

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के नियम

कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने वाले साधक को पवित्रता का पालन करना चाहिए. इसके अलावा प्याज, लहसुन, मांस मदिरा इत्यादि का प्रयोग न करें और ज्यादा से ज्यादा संभव हो तो सामान्य जीवन में अपनी पवित्रता बनाए रखें.

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 . तो चलिए जानते हैं कि सिद्ध कुंजिका स्तोत्र क्या है.

क्या है सिद्ध कुंजिका स्तोत्र?

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र श्री रुद्रयामल के गौरी तंत्र में शिव पार्वती संवाद के नाम से उद्धृत है. दुर्गा सप्तशती का पाठ कठिन है और उसमें बहुत सारे नियमों की आवश्यकता है. वहीं, ऐसे में कुंजिका स्तोत्र का पाठ सरल भी है और ज्यादा प्रभावशाली भी है. अगर आप नवरात्रि में या वैसे भी कुंजिका स्तोत्र का पाठ करते हैं तो सप्तशती के संपूर्ण पाठ का फल मिल जाता है. सिद्ध कुंज का स्तोत्र अगर आप नवरात्रि में या वैसे भी पढ़ते रहें तो आपको बहुत सारी शक्तियां, ताकत आपको जीवन में देता है. इसके मंत्र अपने आप में सिद्ध किए हुए हैं, इसीलिए इनको अलग से सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं होती.