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हल्द्वानी: परिवार देवी के जागरण में गया था और रात प्रसाद रखने लौटा तो घर आग की लपटों से धधक रहा था। स्थानीय लोगों ने तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक खाने-पीने का राशन, ओढ़ने-बिछाने का सामान और हजारों रुपये की नगदी जलकर राख हो चुकी थी। घटना में बड़ी बात यह है कि इतना सब हो गया, लेकिन किसी ने घटना की सूचना पुलिस या दमकल को नहीं दी।

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जानकारी के मुताबिक पीलीकोठी निवासी ललित कांडपाल यहां अपनी पत्नी दीपा कांडपाल व दो बच्चों के साथ दो मंजिला मकान में रहते हैं। पड़ोस में ही ललित के भाई राजीव कांडपाल का घर है। बताया जाता है कि सोमवार रात राजीव के घर पर देवी का जागरण था और ललित पूरे परिवार के साथ जागरण में शामिल होने के लिए गए थे। रात करीब साढ़े 10 बजे ललित की पत्नी दीपा जागरण का प्रसाद रखने घर पहुंची तो उनके होश फाख्ता हो गए। घर का निचला तल आग की लपटों से घिरा था। आनन-फानन में उन्होंने इसकी सूचना अन्य लोगों को दी। आग की सूचना से इलाके में हड़कंप मच गया। जिसके बाद कॉलोनी के लोग आग बुझाने में जुट गए। करीब तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया।

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ललित ने बताया कि आग में खाने-पीने का सामान, कपड़े, बिस्तर, दस्तावेज और करीब 50 हजार रुपए की नगदी जलकर राख हो गई। घर रहने लायक भी नहीं बचा। जिसके बाद उन्होंने अपने भाई के घर शरण ली। ललित का कहना है कि मुआवजे के लिए वह एसडीएम से शिकायत करेंगे। आग बुझाने वालों में हेम पांडे, विपिन कांडपाल, निशा कांडपाल, अमन पांडे, चेतन, सोहन कांडपाल, नवल आदि लोग थे। आग लगने की वजह शार्ट-सर्किट को माना जा रहा है।