उधम सिंह नगर पुलिस ने मदरसों पर कार्रवाई करते हुए 22 लड़कियों और दो लड़कों को छुड़ाया है. इन बच्चों से घरेलू कामकाज कराया जा रहा था. काउंसलिंग के दौरान बच्चों ने मदरसा संचालक पर शोषण का आरोप लगाया है. पुलिस ने मदरसा संचालक दंपति के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम के तहत केस दर्ज कर महिला को गिरफ्तार कर लिया है.
उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में प्रशासन द्वारा अवैध मदरसों पर कार्रवाई की जा रही है. एक हफ्ते के अंदर ही दो मदरसों पर कार्रवाई करते हुए 22 लड़कियों और दो लड़कों को छुड़ाया गया है. यहां पर इन बच्चों से घरेलू कामकाज कराया जा रहा था. काउंसलिंग के दौरान बच्चों ने मदरसा संचालक पर शोषण का आरोप लगाया है. पुलिस ने मदरसा संचालक दंपति के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम के तहत केस दर्ज कर महिला को गिरफ्तार कर लिया है. जानकारी के मुताबिक, पुलभट्टा थाना पुलिस बाहरी संदिग्ध व्यक्तियों और मदरसों का सत्यापन कर रही थी. इस दौरान पुलिस जांच के लिए चार बीघा वार्ड 18 सिरोलीकलां स्थित जामिया खातमा मदरसे में पहुंची. वहां मौजूद महिला पीलीभीत के हरेरपुर हसन थाना के रहने वाली खातून बेगम मदरसे से संबंधित वैध कागजात नहीं दिखा पाई.
24 बच्चे मदरसे के अंधेरे कमरे में बंद मिले
इसके बाद मदरसे की जांच के दौरान 22 लड़कियां और दो लड़के अंधेरे कमरे में बंद मिले. पुलिस ने सभी 5 साल से 17 साल के बच्चों को अपने कब्जे में ले लिया. पूछताछ में खातून बेगम ने बताया कि वह और उसका पति इरशाद पिछले तीन-चार साल से मदरसा संचालित कर रहा है.
बच्चों से धुलवाए जाते थे बर्तन
पुलिस ने दंपति के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम के तहत केस दर्ज कर महिला को गिरफ्तार कर लिया है. बच्चियों ने बताया कि पढ़ाई के नाम पर अंधेरे कमरे में बंद कर दिया जाता था. हमने खाना बनवाया जाता था साथ ही बर्तन भी धुलवाए जाते थे.
एसपी सिटी ने कही ये बात
एसपी सिटी मनोज कत्याल ने बताया कि पुलभट्टा थाना पुलिस ने सूचना मिलते ही अवैध रूप से चल रहे मदरसे पर छापा मारा. इस दौरान पुलिस के साथ मजिस्ट्रेट तहसीलदार, बाल कल्याण समिति, DPO टीम, AHTU टीम के सदस्य मौजूद थे. वहां बच्चों की काउंसलिंग की. फिर सभी को उनके मां-बाप के सुपुर्द कर दिया. पुलिस ने मदरसा संचालक दंपति के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कर महिला को गिरफ्तार कर लिया है. मामले में आगे की कार्रवाई जारी है.