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उधमसिंह नगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (एनआईसीडीपी) के तहत 28,602 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ 12 नए परियोजना प्रस्तावों को मंजूरी देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड को मिली इस बड़ी सौगात के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने एक्स पर लिखा कि उत्तराखंड में स्थापित होने वाली औद्योगिक स्मार्ट सिटी प्रदेश की विनिर्माण क्षमता और आर्थिक विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी। इस पहल से राज्य में निवेश में वृद्धि होगी और बड़े पैमाने पर रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। NICDP के तहत विकसित की जा रही इस औद्योगिक स्मार्ट सिटी का उद्देश्य बड़े उद्योगों के साथ-साथ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए निवेश को आकर्षित करना है। यह औद्योगिक इकोसिस्टम 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जो सरकार के आत्मनिर्भर और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी भारत के विजन का प्रतीक है।

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देश के 12 शहरों में बनेंगी औद्योगिक स्मार्ट सिटी

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में देश के विभिन्न राज्यों के 12 शहरों में ₹28,602 करोड़ की लागत से औद्योगिक स्मार्ट सिटी बनाने का निर्णय लिया गया है। जिसमें नए औद्योगिक शहरों को वैश्विक मानकों के अनुरूप ग्रीनफील्ड स्मार्ट शहरों के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां ‘प्लग-एन-प्ले’ और ‘वॉक-टू-वर्क’ अवधारणाओं का उपयोग किया जाएगा। इस दृष्टिकोण के तहत शहरों को उन्नत और टिकाऊ बुनियादी ढांचे से लैस किया जाएगा, जिससे उद्योगों के कुशल संचालन को सुनिश्चित किया जा सके। इन परियोजनाओं में पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी बुनियादी ढांचे का समावेश होगा, जो लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की निर्बाध आवाजाही को सुनिश्चित करेगा।

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लाखों की संख्या में रोजगार के अवसर होंगे पैदा

औद्योगिक शहरों को पूरे क्षेत्र के व्यापक विकास और परिवर्तन के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे आर्थिक और सामाजिक उन्नति को नई दिशा मिलेगी। एनआईसीडीपी से महत्वपूर्ण रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है, जिसमें लगभग 1 मिलियन प्रत्यक्ष नौकरियों के साथ-साथ नियोजित औद्योगीकरण के माध्यम से 3 मिलियन तक अप्रत्यक्ष नौकरियां भी पैदा होंगी।