बागेश्वर, कोतवाली अंतर्गत ठाकुरद्वारा क्षेत्र में गधेरे के पास एक नवजात बच्ची कड़ाके की ठंड में लावारिस हालत में पॉलीथिन में लिपटी रखी मिली। सोमवार सुबह मंदिर जा रही महिलाओं ने बच्ची के रोने की आवाज सुनी तो बच्ची को उठाया और पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने नवजात को जिला अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसकी हालत में सुधार है। बच्ची को किसने और क्यों छोड़ दिया इसका पता लगाया जा रहा है।
माग मास के पहले सोमवार की सुबह ठाकुरद्वारा क्षेत्र की कुछ महिलाएं पूजा के लिए मंदिर जा रही थीं। तभी उन्हें नरसिंह मंदिर के पास शिशु के रोने की आवाज सुनाई दी। इस पर स्थानीय महिला गीता पांडे रोने की आवाज की ओर गई तो देखा कि एक बच्ची को पॉलीथिन में लपेटकर गधेरे के पास रखा गया था। महिलाओं ने बच्ची को उठाया और पुलिस को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही कोतवाल कैलाश नेगी व वरिष्ठ उपनिरीक्षक खष्टी बिष्ट वहां पहुंचे और बच्ची को जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां उसे न्यू बॉर्न बेबी वार्ड में रखा गया है। चिकित्सकों केअनुसार बच्ची की उम्र छह से सात दिन है तथा उसके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है।
मां का पता लगाने की मांग, पुलिस जांच पर जुटी
बागेश्वर। नवजात के गधेरे में मिलने के बाद पुलिस उसकी मां का पता लगाने में जुट गई है। इसके लिए स्थानीय एएनएम के साथ ही जिला अस्पताल में बीते दिनों जन्मी कन्याओं का विवरण मांगा जा रहा है। इधर सामाजिक कार्यकर्ता बबलू जोशी, नैना लोहुमी समेत बच्ची को गधेरे से उठाकर बचाने वाली गीता पांडे ने बच्ची की मां का पता लगाने की मांग की है।